महाराणा प्रताप ने शुरू की थी धूणी दर्शन की परंपरा, उदयपुर सिटी पैलेस के हैं अंदर
हमारी या हमारे परिवार के किसी भी सदस्य की ग्रह स्थिति थोड़ी सी भी अनुकूल होगी तो हमें निश्चय ही इन उपायों से भरपूर लाभ मिलेगा।
पीपल, बरगद, नीम और केले की जड़ में नित्य जल चढ़ाना चाहिए.
शुक्लपक्षे, जपे धावन्ताव दृश्यते जपेत्।।
रविवार को पान का पत्ता साथ रखकर जायें।सोमवार को दर्पण में अपना चेहरा देखकर जायें।मंगलवार को मिष्ठान खाकर जायें।बुधवार को हरे धनिये के पत्ते खाकर जायें।गुरूवार को सरसों के कुछ दाने मुख में डालकर जायें।शुक्रवार को दही खाकर जायें।शनिवार को अदरक और घी खाकर जाना चाहिये।
किसी शुभ कार्य के जाने से पहले करने वाले उपाय
सगे संबंधियों को दिया गया धन वापस प्राप्त करने हेतु उपाय
लाल किताब के अनुसार, रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करने से जातक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा अमावस्या और पूर्णिमा पर गुड़ और घी को गाय के गोबर से बने उपले में रखकर जलाएं। माना जाता है कि इस टोटके को करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पौष मास: पौष मास में जन्म लेने वाली स्त्री पुरुष के समान स्वभाव वाली, पति से विमुख, समाज में गर्व तथा क्रोध रखने वाली होती है।
घर में सुबह-शाम कपूर जलाएं. इससे सदैव सुगंधित रहता है और नकारात्मकता घर में प्रवेश नहीं करती.
पीली सरसों, गुग्गल, लौबान व गाय का घी मिलाकर धूप बनाएं व सूर्यास्त के समय गाय के उपले पर जलाएं।
घर में बार-बार धन हानि हो रही हो तों website वीरवार को घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़क कर गुलाल पर शुद्ध घी का दोमुखी (दो मुख वाला) दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाते समय मन ही मन यह कामना करनी चाहिए की `भविष्य में घर में धन हानि का सामना न करना पड़े´। जब दीपक शांत हो जाए तो उसे बहते हुए पानी में बहा देना चाहिए।
बनता काम बिगडता हो, लाभ न हो रहा हो या कोई भी परेशानी हो तो उसका उपाय
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा "